बालाकोट में एयर स्ट्राइक के एक साल बीतने से पहले ही पाकिस्तान ने वहां आतंकी प्रशिक्षण शिविर दोबारा स्थापित कर दिए हैं। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद व लश्कर-ए-ताइबा के मिले-जुले शिविर शुरू किए गए हैं और इन्हें अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की नजर से बचाने के लिए यहां मदरसों के बोर्ड लगाए गए हैं।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी है कि इन शिविरों की सुरक्षा पाकिस्तान की सेना ने संभाल रखी है। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आईएसआई के निर्देश पर जैश व लश्कर दोनों के संयुक्त प्रशिक्षण शिविर बालाकोट में फिर खोल दिए गए हैं। पूरे इलाके में आम लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
किसी को भी इनके आसपास फटकने की इजाजत नहीं है, ताकि वहां चल रही गतिविधियां सार्वजनिक न हो सकें और मदरसों की आड़ में शिविर चलते रहें। साजिश है कि यहां से आतंकियों को प्रशिक्षित कर उन्हें लॉन्चिंग पैड के जरिये अधिक से अधिक संख्या में सीमा पार भेजा जा सके।
कैंपों की सुरक्षा में तैनात पाकिस्तानी सेना, बैट हमले की साजिश
सूत्रों ने बताया कि इन कैंपों की सुरक्षा में 24 घंटे पाकिस्तानी सेना तैनात रहती है। वह हर गतिविधियों पर निगाह भी रखे हुए हैं। हाल ही में हाफिज सईद का रिश्तेदार जकीउर रहमान लखवी बालाकोट में देखा गया। सूत्रों का कहना है कि जैश-लश्कर कमांडरों तथा आईएसआई के साथ उसकी बैठक भी हुई।
इसमें घुसपैठ को तेज करने तथा एलओसी पर बैट हमले को अंजाम देने की साजिश पर बात हुई। सूत्रों ने बताया कि बालाकोट एयर स्ट्राइक की बरसी पर एलओसी पर बैट हमले की साजिश को अंजाम दिया जा सकता है। इस वजह से एलओसी पर भारत की ओर से सतर्कता भी बढ़ाई गई है।